हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , नूह में होने वाले सांप्रदायिक दंगे पर जमीयत उलमा हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 9 सालों से मुल्क में जो सांप्रदायिक मानसिकता और नफरत की खेती की जा रही है यह अफसोसनाक घटना हैं।
नूह में होने वाले सांप्रदायिक दंगे को उन्होंने एक बड़ी और सोची समझी साजिश करार देते हुए कहा कि प्रशासन की जानकारी में सब कुछ था
उसे यह भी मालूम था कि नासिर और जुनैद की निर्मम हत्या का फरार मुस्जिम नूह में निकलने वाली धार्मिक यात्रा के सम्बंध में न सिर्फ भड़काऊ वीडीयो सोशल मीडीया पर अपलोड कर रहा है, बल्कि वह लोगों से इस रैली में भारी तादाद में शामिल होने की अपील भी कर रहा हैं।
इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन ने यात्रा से पहले सावधानी नहीं बरती और न ही यह पता लगाने की कोशिश की कि मनु मानेसर कहां से अपनी वीडीयो सोशल मीडीया पर शेयर कर रहा हैं।
मौलाना मदनी ने कहा कि यह इस बात का पक्का सबूत है कि सब कुछ योजनाबद्ध तरीक़े से हो रहा था मीडिया रिपोर्ट न सिर्फ एकतरफा है बल्कि गुमराह करने वाला है उल्लेखनीय है कि यह यात्रा अभी तीन साल से निकलनी शुरू हुई है।
नूह और इसके आस-पास के क्षेत्रों में मुस्लिम ज्यादा तादाद में हैं, ऐसे में इंसाफ का तकाजा यही था कि यात्रा से पहले पुलिस और प्रशासन की तरफ से सावधानी बरती जाती यात्रा में शामिल होने वालों को चेतावनी दी जाती कि वह भड़काऊ नारे न लगाऐं, मगर पुलिस और प्रशासन ने ऐसा कुछ नहीं किया इसलिए वही हुआ जिसका डर था,
नूह के नलहड़ गाँव के एक मंदिर से शुरू हुई यह यात्रा जैसे ही मुस्लिम बहुल इलाकों में पहुंची भीड़ ने भड़काऊ भाषण और हथियारों का प्रदर्शन शुरू कर दिया, भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही नूह और आसपास का पूरा इलाका स्थायी रूप से संवेदनशील बना हुआ है, और अगर इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने जानबूझकर लापरवाही दिखाई तो क्या इसके उत्तरदायी पुलिस और प्रशासन के अफसर नहीं होने चाहिएं?
ताजा सूचना यह हैं कि अब वहां जगह जगह मुसलमानों की एकतरफा गिरफ्तारियां हो रही हैं, जबकि विश्वसनीय सूचना है कि यात्रा में शामिल लोग जब नूह से निकले तो उन्होंने सोहना और इसके आसपास के इलाकों और गुरुग्राम के बादशाहपुर में चुनचुन कर मुसलमानों की दुकानों को आग लगा रहे थे यहां तक कि गुरुग्राम में एक मस्जिद में घुस कर दंगाइयों ने सहायक इमाम को पीट-पीट कर मार डाला और मस्जिद में आग लगा दी, यह सब सूझबूझ से हो रहा हैं।
अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि इन दोनों घटनाओं की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहीए. जो लोग कसूरवार पाए जाएं उन्हें भेदभाव के बिना कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहीए